Mukhtar Ansari:कपिल देव हत्याकांड और मीर हसन अटैक केस में मुख्तार को मिली सजा, जानें माफिया से जुड़े और मामले – Court Sentenced Mukhtar Ansari To 10 Years Imprisonment In Kapil Dev Murder Case And Mir Hasan Attack Case

मुख्तार अंसारी
विस्तार
माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है। साथ ही पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। वहीं, एक और दोषी सोनू यादव को कोर्ट ने पांच साल की सजा सुनाई और दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह फैसला अरविंद कुमार मिश्र की अदालत ने सुनाया है। इस केस को लेकर मुख्तार अंसारी के वकील का कहना है कि यह मेंटेनेबल नहीं है। हम हाईकोर्ट से अपील करेंगे और उम्मीद है कि वहां से न्याय मिलेगा। वहीं, मुख्तार अंसारी का कहना है कि उनका इस केस से कोई लेना-देना नहीं है और वह तो 2005 से जेल में बंद हैं।
किस केस में हुई सजा
माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ 19 अप्रैल 2009 को हुए कपिल देव हत्याकांड और 24 नवंबर 2009 को हुए अमीर हसन अटैक केस में गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने इन दोनों मामले में मुख्तार अंसारी को 120बी यानी साजिश रचने के मामले में आरोपी बनाया था। पुलिस ने आरोपी तो बना दिया था, लेकिन कोर्ट में साबित नहीं कर पाई थी। आरोप साबित न होने पर कोर्ट ने मुख्य केस से मुख्तार अंसारी को बरी कर दिया था। वहीं, अब गैंगस्टर एक्ट केस में कोर्ट ने मुख्तार को दोषी ठहराया है और सजा सुनाई है।
मुख्तार के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट का यह तीसरा मामला
बता दें कि गाजीपुर कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के तीसरे मुकदमे में मुख्तार अंसारी को सजा सुनाई है। इससे पहले गाजीपुर एमपी-एमएलए कोर्ट ने अवधेश राय हत्याकांड के बाद दर्ज हुए गैंगस्टर एक्ट केस और कृष्णानंद हत्याकांड के बाद दर्ज हुए गैंगस्टर केस में सजा सुनाई थी।
अवधेश राय हत्याकांड
तीन अगस्त 1991 वाराणसी में एक अजब सी हलचल हो रही थी। लहुराबीर क्षेत्र में अवधेश राय के घर के पास ही उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। मारुति वैन से आए हथियारबंद हमलावरों ने अंधाधुंध गोली चलाकर अवेश राय को मौत के घाट उतार दिया। हत्या के बाद अवधेश राय के भाई और पूर्व विधायक अजय राय ने मुख्तार अंसारी, पूर्व विधायक अब्दुल कलाम, मुन्ना बजरंगी, भीम सिंह, कमलेश और राकेश समेत छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। शुरुआत में इस मामले में सुनवाई तो हुई लेकिन पूरी न हो सकी। सन 2022 में पता चला कि इस केस के मूल केस की डायरी गायब हो गई है। ऐसे में पूरे केस की सुनवाई फोटो स्टेट के आधार पर की गई और अंत में गाजीपुर एमपी-एमएलए कोर्ट ने पांच जून 2023 को मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की साज सुनाई।
कृष्णानंद राय हत्याकांड
गाजीपुर के बसनियां गांव में 29 नवंबर 2005 को एके-47 से अंधाधुंध गोलियां बरसाकर तत्कालीन विधायक कृष्णानंद राय सहित सात लोगों की हत्या कर दी गई। उस समय मुख्तार अंसारी गाजीपुर जेल में बंद था। वारदात को अंजाम देने वालों में मुख्तार अंसारी गिरोह के शूटरों में मुख्य रूप से अताउर रहमान उर्फ बाबू उर्फ सिकंदर, संजीव जीवा उर्फ माहेश्वरी, मुन्ना बजरंगी, राकेश पांडेय उर्फ हनुमान पांडेय विश्वास नेपाली और रिंकू तिवारी शामिल थे।
कृष्णानंद राय हत्याकांड में कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा सुनाई थी। सजा के साथ ही कोर्ट ने पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। वहीं, मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी को दोषी करार दिया गया था। मामले में अफजाल पर गैंगस्टर एक्ट में केस दर्ज किया गया था। इस केस से जुड़े मुन्ना बजरंगी, राकेश पांडेय और रिंकू तिवारी मारे जा चुके हैं।
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