महाराष्ट्र: कोल्हापुर बन गया आवारा कुत्तों के आतंक का अड्डा, 3 दिन में 200 लोगों को काटा, मचा हड़कंप । Maharashtra Kolhapur became a hub of terror by stray dogs bitten 200 people in 3 days
कुत्तों का बढ़ रहा आतंक
कोल्हापुर: महाराष्ट्र के कोल्हापुर में आवारा कुत्तों ने आतंक मचा रखा है। हालात ये हैं कि इन कुत्तों ने 3 दिन में 200 लोगों को काटा है। कुत्तों के इन हमलों की वजह से इलाके में डर का माहौल है और लोग अपने घरों पर रहने के लिए मजबूर हैं। हालही में ये खबर सामने आई थी कि प्रसिद्ध बाघ बकरी चाय कंपनी के मालिक पर बेंगलुरु में आवारा कुत्तों ने हमला किया और बाद में उन्हें जान भी गंवानी पड़ी। इसके अलावा भी आए दिन कुत्तों द्वारा किए जाने वाले हमलों की खबरें सामने आती रहती हैं। इसके बावजूद इस समस्या का सरकार द्वारा कोई स्थाई समाधान नहीं निकाला जा सका है।
कोल्हापुर में क्या हुआ?
कोल्हापुर शहर और यहां के ग्रामीण इलाकों में आवारा कुत्तों ने भारी उत्पात मचाया है। 2 दिन पहले, विहान शिंदे नाम के एक बच्चे पर आवारा कुत्तों ने हमला किया था, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। इसके बाद आज उत्कर्ष ऐतवडेकर नाम के एक बच्चे पर भी कुत्तों ने हमला किया है। उसकी हालत भी गंभीर है। बीते तीन दिनों में कोल्हापुर शहर और ग्रामीण इलाकों में लगभग 200 लोगों को आवारा कुत्तों ने काटा है। इलाके में लोग डरे हुए हैं।
पेटा कानून के डर से कुत्तों को पकड़ने के लिए नहीं आते स्वास्थ्यकर्मी
मिली जानकारी के मुताबिक, मनपा स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी भी आवारा कुत्तों को पकड़कर किसी दूसरी जगह छोड़ने से कतराते हैं। उनका कहना है कि हम पहले से ही पेटा एक्ट से पीड़ित हैं और कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगा रहे हैं।
ऐसे में लोगों के मन में तमाम सवाल हैं, जिनका कोई स्थायी जवाब नहीं दिखाई पड़ता। लोग पूछते हैं कि आवारा कुत्तों के काटने पर शिकायत किससे करें? क्या आवारा कुत्तों से बचने का कोई रास्ता नहीं है? आवारा कुत्तों की बढ़ रही संख्या कैसे रुक सकती है? लेकिन ये सवाल सिर्फ सवाल ही हैं, जिनका जवाब देने के लिए सरकार को कोई बड़ा कदम उठाना पड़ेगा।
कोल्हापुर में क्यों बढ़ रहा कुत्तों का आतंक?
कोल्हापुर शहर में फिलहाल कचरा भी समय पर नहीं उठाया जा रहा है। इसी वजह से शहर के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ गई है। इन आवारा कुत्तों को इस कचरे में मांस के टुकड़े और हड्डियां खाने को मिल रही हैं। अगर ऐसे में इन कुत्तों को कुछ खाने को न मिले तो वह इंसानों पर हमला कर देते हैं। मनपा प्रशासन को इस समस्या का समाधान निकालने के लिए बड़ा कदम उठाने की जरूरत है। वहीं कुत्तों की नसबंदी के मामले को लेकर कोल्हापुर नगर निगम भी सवालों के घेरे में है।
(कोल्हापुर से समीर मुजावर की रिपोर्ट)
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