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इजराइल-हिजबुल्ला में 17 साल पुरानी दुश्मनी, जानें डेढ़ दशक में कितना ताकतवर हुआ यह आतंकी संगठन?

हिजबुल्ला आतंकी संगठन।- India TV Hindi

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हिजबुल्ला आतंकी संगठन।

Hezbollah and Israel Conflict: इजराइल के राष्ट्रपति इसहाक हेर्जोग ने लेबनान स्थित आतंकी संगठन हिजबुल्ला को कड़ी चेतावनी दी है। इजराइली राष्ट्रपति ने कहा है कि यदि इजराइल और गाजा की जंग में हिजबुल्ला भी हमास के समर्थन् में जंग में कूदता है तो लेबनान को इसकी बड़ी कीमत चुकाना होगी। हिजबुल्ला पर इजराइल के इस बयान के बाद यह जानना जरूरी है कि आखिर इजराइल और हिजबुल्ला संगठन के बीच दुश्मनी क्या है, कब से दोनों के बीच अदावत शुरू हुई, हिजबुल्ला आतंकी संगठन को किसकी शह मिली हुई है। हमास के हमले के बीच हिजबुल्ला ने हमास का साथ देते हुए इजराइल पर क्यों हमला किया? इजराइल से क्या पहले मुंह की खा चुका है हिजबुल्ला? ऐसे सभी सवालों को जानिए इस खबर में। साथ ही यह भी पढ़िए कि समय के साथ साथ हिजबुल्ला संगठन  कितना ताकतवर होता गया?

जानिए कब अस्तित्व में आया था हिजबुल्ला संगठन, किसने बनाया?

हिजबुल्ला आतंकी संगठन।

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हिजबुल्ला आतंकी संगठन।

इजराइल और हमास संघर्ष को 20 दिन होने  वाले हैं। इजराइल बौखलाया हुआ है और गाजा पट्टी पर लगातार बड़े हमले कर रहा है। इसी बीच इजराइल पर लेबनान से आतंकी संगठन हिजबुल्ला ने भी रॉकेट दागे हैं। उत्तरी इजराइल पर ये हमले हिजबुल्ला की ओर से इस जंग के शुरू होने के बाद किए गए हैं। हमास और हिजबुल्ला दोनों का एक ही मकसद है ‘इजराइल का विनाश’। हालांकि आतंकी संगठन हिजबुल्ला को ईरान का समर्थन प्राप्त है। ईरान ने इसकी स्थापना की थी। 1982 में ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स ने हिजबुल्ला आतंकी संगठन को बनाया था। इसका मकसद ईरान में हुई इस्लामी क्रांति को दूसरे देश में फैलाना और लेबनान में इजरायली सेना के खिलाफ मोर्चा खड़ा करना था। 

इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने भी दी हिजबुल्ला को चेतावनी।

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इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने भी दी हिजबुल्ला को चेतावनी।

हिजबुल्ला को सपोर्ट करने के लिए ईरान को कसूरवार ठहराता है इजराइल

इजरायल के राष्ट्रपति इसहाक हेर्जोग ने कहा है कि ‘मुझे लगता है कि ईरान उनका समर्थन कर रहा है और मिडिल ईस्ट को अस्थिर करने के लिए दिन-ब-दिन काम कर रहा है। मैं साफ कर देना चाहता हूं कि हम उत्तरी सीमा पर किसी और के साथ टकराव नहीं चाहते हैं। हमारा ध्यान सिर्फ हमास को खत्म करने और अपने नागरिकों को वापस लाने पर है।’ ये कहकर इजराइल ने साफ कर दिया कि ईरान की ओर से लेबनान स्थित हिजबुल्ला संगठन को लंबे समय से फंडिंग की जा रही है और उसका इस्तेमाल इजराइल के खिलाफ किया जा रहा है। इस पर इजराइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने भी कहा ​है कि ‘इजराइल यदि जंग में शामिल होने की गलती करता है, तो उसे पछताना होगा।’ 

कब से एकदूसरे के दुश्मन हैं इजराइल और हिजबुल्ला?

साल 2006…जुलाई का महीना…। इस दिन हिजबुल्ला ने इजराइल के दो सैनिकों को बंधक बना लिया। इजराइल में हाहाकार मच गया। क्रोध में आकर इजराइल ने जंग ही छेड़ दी। वो भी एक दो दिन की जंग नहीं, पूरे 34 दिन तक चली थी यह जंग। इस युद्ध में 1100 से भी ज्यादा लेबनानी नागरिक मारे गए थे।वहीं इजराइल के भी 165 नागरिकों की इसमें मौत हुई थी। जंग में जीत हार तो किसी की नहीं हुई, लेकिन लेबनान  को इस जंग की भारी कीमत चुकाना पड़ी थी। क्योंकि इजराइली सेना ने इस जंग में लेबनान के 30 हजार से ज्यादा घर तबाह कर दिए थे। यही नहीं, 109 पुलों को धराशायी कर दिया था। 

हिजबुल्ला आतंकी संगठन।

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हिजबुल्ला आतंकी संगठन।

3 हजार लड़ाकों से की थी शुरुआत, 17 साल में जानिए कितना ताकतवर हुआ हिजबुल्ला?

  • कई मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि आज से 17 साल पहले हिजबुल्ला के पास 3 हजार के आसपास लड़ाकों की फौज थी। साथ ही उनके पास कम दूरी की मिसाइलें भी थीं। लेकिन 17 साल में ईरान से फंडिंग और दूसरे आतंकी संगठनों से कॉर्डिनेशन के बलबूते पर इजराइल ने 17 सालों में एक बड़ा संगठन खड़ा कर दिया, जिसमें हथियारों के जखीरे में भारी मात्रा में इजाफा हुआ है। 
  • आज हिजबुल्ला के पास 60 हजार लड़ाकों की बड़ी फौज है। वहीं 1.50 लाख से ज्यादा मिसाइलें उसके जखीरे में मौजूद हैं। इनमें से कई मिसाइलें तो बड़ी घातक हैं। जबकि 2006 में सिर्फ 14 हजार मिसाइलें ​थीं हिजबुल्ला के पास। आज हिजबुल्ला के पास कुछ ईरानी मिसाइलें ऐसी हैं जो 300 किमी दूर तक मार कर सकती हैं, जिसकी जद में इजराइल आता है।
  • हिज्बुल्ला अपने लड़ाकों को इजरायली सेना से करीबी मुकाबले के लिए छोटे और हल्के हथियारों को उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित करता है। उन्हें एंटी-टैंक मिसाइलों का इस्तेमाल करने की भी ट्रेनिंग मिलती है।
  • हिज्बुल्ला की एक ‘स्पेशल फोर्स’ भी है, जिसे युद्ध के समय इजरायल में घुसपैठ करने के लिए खास ट्रेनिंग दी गई है। जानकार बताते हैं कि सीरिया युद्ध ने हिज्बुल्ला को अपनी क्षमताओं में सुधार करने का मौका दिया। सीरिया में लंबे समय तक युद्ध चला था और इसने हिज्बुल्ला के अर्बन वॉरफेयर और इंटेलिजेंस में काफी सुधार किया।

हिजबुल्ला आतंकी संगठन।

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हिजबुल्ला आतंकी संगठन।

इजराइल के खिलाफ पूरी तरह मोर्चा खोलेगा ​हिजबुल्ला?

वैसे तो हिजबुल्ला का जन्म ही इजराइल के खात्मे के लिए हुआ है। ऐसे में यदि इजराइल हमास को पूरी तरह नेस्तनाबूत करता है और निकट भविष्य में गाजा पट्टी पर बड़े पैमाने पर तबाही मचाता है, तो कोई बड़ी बात नहीं कि ईरान और उसका समर्थक हिजबुल्ला इजराइल के खिलाफ सीधेतौर पर नया मोर्चा खोल ले। हालांकि, इसके बावजूद कई विशेषज्ञों का ऐसा भी मानना है कि ईरान और हिज्बुल्ला, दोनों ही संयम बरतेंगे।

इजराइल के साथ खुले युद्ध में हिजबुल्ला को क्या आएगी दिक्कत?

हिजबुल्ला के साथ एक दिक्कत यह है कि यदि वह जंग में उतरता है ​तो लेबनान के हालात बिगड़ जाएंगे। क्योंकि इजराइल लेबनान पर भी गाजा की तरह खतरनाक हमले करेगा। जिससे लेबनान में बड़ी संख्या में नागरिकों की मौत होगी और वह आर्थिक रूप से भी कमजोर होगा। क्योंकि लेबनान पहले से ही राजनीतिक और आर्थिक संकट से गुजर रहा है। इजराइल ने 2006 में भी लेबनान पर जब हमला किया था तो लेबनान की हालत पतली हो गई थी।


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