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Happy Dussehra 2023: विजयादशमी आज, प्रचलित परंपराएं, कथाएं और जानें महत्व


Vijayadashami 2023 Mantra: देश भर में बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक विजय दशमी मनाया जा रहा है . नवरात्रि के नौ दिवसीय लंबे त्योहार के बाद मनाया जाने वाला, विजया दशमी उत्सव दुर्गा पूजा का 10 वां और अंतिम दिन है. इस दिन को लंका के राजा रावण पर भगवान राम की जीत के साथ-साथ राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा के विजय के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को दशहरा के नाम से भी जाना जाता है वहीं नेपाल में इस दिन को दशईं के रूप में मनाया जाता है.

दशहरा

हालांकि दशहरा नवरात्रि या दुर्गा पूजा का हिस्सा नहीं है, यह उनके साथ जुड़ा हुआ है क्योंकि इस दिन देवी दुर्गा की मूर्तियों को पवित्र जल में विसर्जित किया जाता है. दूसरी ओर, दशहरा उत्सव के एक भाग के रूप में रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले जलाए जाते हैं.

सिंदूर खेला की परंपरा

दशमी के सबसे प्रमुख अनुष्ठानों में से एक हैं सिंदूर खेला की परंपरा. यह विशेष रूप से पश्चिम बंगाल में महिलाओं के द्वारा निभाई जाती है, जहां विवाहित हिंदू महिलाएं देवी को अलविदा कहते हुए एक-दूसरे को सिंदूर लगाती हैं.

Happy Dussehra 2023

दशहरा को विजयदशमी के रूप में मनाया जाता है, इस दिन को रावण पर भगवान राम की जीत का दिन माना जाता है और बुराई पर अच्छाई के जीत का जश्न मनाते हैं. रावण ने श्री राम की पत्नी देवी सीता को बंधक बना लिया था. ऐसा माना जाता है कि युद्ध के लिए रवाना होने से पहले, भगवान राम ने अपनी जीत के लिए देवी दुर्गा की पूजा की थी और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया था. रावण के खिलाफ युद्ध दस दिनों तक चला. दसवें दिन भगवान राम ने रावण का वध किया और जिस दिन उन्होंने रावण का वध किया उसे दशहरा के रूप में चिह्नित किया गया.

विजयादशमी

विजयादशमी के दिन पान के पत्तों से मां दुर्गा के गालों को स्पर्श कर उनकी मांग और माथे पर सिंदूर लगा महिलाओं पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं.



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