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one more patient died in Delhi of Dengue | दिल्ली में डेंगू से एक और मरीज की मौत

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Image Source : PTI REPRESENTATIONAL
दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से डेंगू का कहर जारी है।

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में डेंगू का कहर जारी है। ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली के राम मनोहर लोहिया (RML) अस्पताल में डेंगू से पीड़ित 38 वर्षीय एक महिला की मौत हो गई। सूत्रों ने बताया कि महिला उत्तर प्रदेश की रहने वाली थी और करीब 20 दिन पहले उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सूत्र ने कहा, ‘महिला को इंसेफलाइटिस था। उसे बेहोशी की हालत में अस्पताल लाया गया था और सीधे ICU (सघन देखभाल इकाई) में भर्ती करते हुए वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। वह बीमारी से उबर नहीं सकी।’

टाइगर मच्छरों ने काफी तेजी से फैलाया डेंगू

सूत्र के मुताबिक, महिला ने 17 सितंबर को दम तोड़ दिया। उसने बताया कि RML अस्पताल में इस साल अब तक डेंगू से 4 मरीजों की मौत हो चुकी है। बता दें कि दिल्ली में DENV-2 डेंगू मच्छर का प्रकोप मिला था जिसके चलते मरीजों की हालत काफी खराब हो जाती है। डेंगू का यह स्ट्रेन काफी खतरनाक होता है और इसी वजह से DENV-2  डेंगू फैलाने वाले मच्छर को ‘टाइगर मच्छर’ के नाम से भी जाना जाता है। दिल्ली और आसपास के इलाकों में पिछले कुछ दिनों में डेंगू का प्रकोप काफी तेजी से बढ़ा है और इसमें इस मच्छर का भी बड़ा रोल है।

दिन के 6 घंटे एक्टिव रहता है टाइगर मच्छर
बता दें कि डेंगू वायरस मादा मच्छर एडीसेजिप्टी (Aedesaegypti) और एल्बोपिक्टस (Albopictus) के काटने से फैलता है। ये मच्छर चिकनगुनिया, पीला बुखार और जीका वायरस भी फैलाते हैं। DENV-2 को वायरस का सबसे गंभीर स्ट्रेन माना जाता है और इसे फैलाने वाला टाइगर मच्छर (dengue tiger mosquito) दिन में सुबह के 3 घंटे और शाम के 3 घंटे, यानी कि कुल 6 घंटे एक्टिव रहता है। यही वजह है कि ये बाकी मच्छरों की तुलना में ज्यादा संक्रामक है और तेजी से लोगों को अपना शिकार बनाता है।

डेंगू DENV-2 के लक्षण
डेंगू के DENV-2 स्ट्रेन को हल्के लक्षण पैदा करने के लिए भी जाना जाता है, लेकिन इसे DENV-1 से ज्यादा गंभीर माना जाता है। इससे संक्रमित व्यक्ति के लक्षण निम्नलिखित हैं:

-मसूड़ों या नाक से खून आना
-पेट में तेज दर्द
-लगातार उल्टी होना
-तेजी से सांस लेने
-थकान और बेचैनी

DENV-2 का इलाज से पहले वायरोलॉजिकल और सीरोलॉजिकल टेस्टिंग की जाती है। बीमारी के पहले सप्ताह के दौरान एकत्र किए गए रोगी के सैंपल की सीरोलॉजिकल और वायरोलॉजिकल यानी आरटी-पीसीआर टेस्टिंग भी की जाती है। इसके बाद दवाओं के साथ इलाज शुरू होता है। आपमें यदि डेंगू के कोई लक्षण नजर आते हैं, या जरा भी असुविधा होती है तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।

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