Ganesh Chaturthi 2023: इस गणेश चतुर्थी विजिट करें सिद्धिविनायक मंदिर, जहां से कभी नहीं जाता कोई खाली हाथ

इस साल गणेश चतुर्थी 19 सितंबर को शुरू होगा हम आपको भारत के प्रमुख गणेश मंदिर के बारे में बताने जा रहें है.

गणेश उत्सव में यहां बप्पा के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है, देश ही नहीं विदेशों से लोग इस उत्सव को देखने आते हैं. खास बात यह कि गणपति बप्पा के इस सिद्ध मंदिर में आने वाला चाहे अमीर हो या फिर गरीब, छोटा हो या बड़ा, वह कभी खाली हाथ नहीं जाता है.

गणपति बप्पा के सिद्धिविनायक मंदिर का निर्माण 19 नवंबर 1801 को एक लक्ष्मण विथु पाटिल नाम के एक स्थानीय ठेकेदार द्वारा किया गया था.

गणेश उत्सव के दौरान सिद्धिविनायक मंदिर में गणपति बप्पा के दर्शन करने वालों का तांता लगा रहता है. इस दौरान देश ही नहीं विदेश से तीर्थयात्री यहां पर दर्शन के लिए पहुंचते हैं.

सिद्धिविनायक, भगवान गणेश जी का सबसे लोकप्रिय स्वरूप माना जाता है, जिसमें उनकी सूंड़ दाईं और मुड़ी होती है. मान्यता है कि जहां कहीं भी दायीं ओर सूंड़ वाली भगवान गणेश की मूर्ति होती है, वह सिद्धपीठ कहलाता है.

सिद्धिविनायक मंदिर में भगवान गणेश की प्रतिमा काले पत्थर से बनाई गई है, जहां पर वे अपनी दोनों पत्नी रिद्धि और सिद्धि के साथ विराजमान हैं. मंदिर के गर्भग्रह के चबूतरे पर स्वर्ण शिखर वाला चांदी का सुंदर मंडप है, जिसमें भगवान सिद्धिविनायक विराजते हैं.

सिद्धिविनायक मंदिर के दर्शन मात्र से ही गणपति भक्त के बड़े से बड़े संकट पलक झपकते दूर हो जाते हैं. यही कारण है कि बॉलीवुड के बड़े कलाकार भी अपनी सफलता की कामना लिए अक्सर यहां पर माथा टेकने पहुंचते हैं.
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